रानीवाड़ा को सांचौर में जोडऩे के विरोध में मुख्यमंत्री को लिखें पोस्टकार्ड


-45 वें दिन भी धरना प्रदर्शन के साथ आक्रोश जारी                            

रानीवाड़ा। रानीवाड़ा क्षेत्र की जनता पिछले 17 अगस्त से पंचायत समिति रानीवाड़ा के बाहर, रानीवाड़ा सघर्ष समिति के बैनर तले अनिश्चित कालीन धरना दे रही है। धरने के 45 वें दिन धरनार्थीयों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को पोस्ट कार्ड लिखकर मांग की है की भीनमाल को जिला बनाकर रानीवाड़ा क्षेत्र को प्रस्तावित भीनमाल जिले में शामिल किया जाए या फिर रानीवाड़ा क्षेत्र को प्रस्तावित भीनमाल जिले में शामिल किया जाए या फिर रानीवाड़ा क्षेत्र को यथावत जालोर जिले में रखा जाए। अनिश्चित कालीन धरने के 45 वें दिन धरनार्थीयों ने धरना प्रदर्शन जारी रखकर आक्रोश व्यक्त किया। इस मौके पर समाज सेवी मुकेश कुमार खण्डेलवाल कहा कि जब देश आजाद हुआ था उस समय से जालोर जिले की सीमा पाकिस्तान बॉर्डर के सीमा नजदीक थी। उस समय से यह बात आई थी की भीनमाल को जिला मुख्यालय बनाया जाये। पर वर्तमान में सांचौर को बिना मांगे जिला बना देना एवं रानीवाड़ा क्षेत्र को यहां के जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि सहित आमजन को विश्वास में लिये बिना सांचौर जिले में जोड़ देना न्याय संगत नहीं है। सांचौर जिला बनाया उसका हमें कोई विरोध नहीं है पर रामलुभाया कमेटी के किसी भी सदस्य ने रानीवाड़ा क्षेत्र के लोगों को जनप्रतिनिधि वर्तमान या पूर्व जनप्रतिनिधियों से राय तक नहीं ली गई, ऐसा ही जिले की सीमांकन करते वक्त सरकार द्वारा नियुक्त किसी प्रशासन अधिकारी ने भी रानीवाड़ा आकर किसी से रायशुमारी नहीं की ओर न ही जनसुनवाई के तहत कोई केम्प लगाया। व्यापारी भवराराम माली ने कहा कि किसी ढाणी गाँव की भी सीमा निर्धारित की जाती है तब क्षेत्रवासीयों से रायशुमारी की जाती है मगर रानीवाड़ा क्षेत्र को सांचौर जिला में आनन फानन में जोड़ देना क्षेत्र की जनता के साथ घोर अन्याय है। समाज सेवी हरीश माहेश्वरी ने कहा कि रानीवाड़ा क्षेत्र की जनता सांचौर जिले में रहने के लिए कतई तैयार नहीं है। भीनमाल को जिला बनाकर रानीवाड़ा क्षेत्र को उसमें जोड़ा जाए या फिर रानीवाड़ा क्षेत्र को यथावत् जालोर जिले में ही रखा जाए। इस मौके सरपंच प्रदीप सिंह देवल, समाज सेवी जवानाराम देवासी आल पाल, किसान नेता सोमाराम चौधरी, गणपतलाल धवेशा, मसरु देवासी, मुकेश कुमार खण्डेलवाल, जागीरदार जयंतिलाल पुरोहित महेन्द्र कुमार माली, छगनसिह देवल, हरीश माहेश्वरी, भंवरलाल गोयल, दसरथ कुमार मेघवाल, भीखाराम मेघवाल, लाखाराम चौधरी, गणेश देवासी, एडवोकेट भरत मेघवाल, कांतिलाल राणा, भलाराम, सवाराम राणा, झालाराम राणा, राजुराम राणा, भवराराम राणाए रमेश राणा, चेताराम राणा सहित सैकड़ों धरनार्थी उपस्थित थे। अनिश्चित कालीन के 45 वें दिन धरनार्थीयों ने उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर रानीवाड़ा को सांचौर जिले में जोडऩे का विरोध जताते हुए भीनमाल को जिला बनाकर रानीवाड़ा को इसमें जोडऩे या रानीवाड़ा क्षेत्र को जालोर जिले में यथावत् रखने की मांग की गई।


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