जालोर। जिला मुख्यालय पर बीएलओ शिक्षकों का हल्ला बोल कार्यक्रम था, जिसमें जिले में कार्यरत बीएलओ द्वारा बीएलओ कार्य के बहिष्कार का संकल्प पत्र सहीत मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। राजस्थान बीएलओ शिक्षक संघर्ष समिति के प्रदेश महामंत्री भाखरा राम सारण ने बताया कि शिक्षक लगातार गत एक वर्ष से बीएलओ कार्य मुक्ति हेतु आंदोलन रत है परन्तु प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, आरटीई एक्ट की धारा 27 के तहत शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लिप्त नहीं किया जाना चाहिए ताकि बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके, समय-समय पर शिक्षा विभाग के उच्च स्तरीय अधिकारियों एवं शासन सचिव शिक्षा राजस्थान सरकार द्वारा जारी आदेशों की दूसरे विभागों में अनदेखी की जा रही है और शिक्षकों को लगातार बीएलओ के कार्य हेतु बाधित किया जा रहा है। जिससे शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है। इसी कड़ी राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के संरक्षक दलपत सिह आर्य ने बताया की बीएलओ जैसी बेगार प्रथा से मुक्ति का एक मात्र मार्ग केवल संघर्ष एवं व्यापक स्तर पर बीएलओ कार्य बहिष्कार का ही है। संघर्ष की सफलता तभी निश्चित है जब सभी संगठन एक जाजम पर इक_े होकर एकजुट होकर संघर्ष करें ताकी आने वाले समय में शिक्षा को बचाया जा सके। इसी प्रकार जालोर जिले के समस्त बीएलओ शिक्षक जो दूर-दूर स्थित गांव-ढाणियों में पदस्थापित है ने अपनी जायज और वाजिब मांग के लिए संघर्ष समिति के आह्वान पर आंदोलन में भाग लिया और संघर्ष समिति द्वारा आयोजित आंदोलन रुपी यज्ञ में आहूत होने को हर समय तैयार है। संघर्ष समिति के जिला स्तरिय धरनें में संघर्ष समिति के जिला कार्यकरणी के भानाराम पालीवाल, गोपाल कृष्ण आहोर से पुखराज गहलोत, गोपाल शर्मा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि शिक्षक का मूल कार्य शिक्षण ही है बीएलओ जैसे गैर-शैक्षणिक कार्य अस्वीकार्य है जिससे शिक्षा व शिक्षार्थी को हानि हो, यदि बीएलओ कार्य से शिक्षक को मुक्त नहीं किया जाता है तो प्रदेश स्तर पर प्रदेश व्यापी धरना प्रदर्शन किया जायेगा जिसका समस्त उत्तरदायित्व प्रशासन का होगा। बीएलओ संघर्ष समिति के जिला स्तरीय धरने में जालोर से रमेश दान राव, राजेन्द्र परमार, खुश्वन्त नाग, कृष्ण कुमार तिवारी, पुनम सिंह, बरकत खां, कपिल मुदगल सहित अनेक शिक्षकों ने भाग लिया तथा उपखण्ड अधिकारी, जालोर को बीएलओ कार्य बहिष्कार का संकल्प पत्र दिया एवं आगामी समस्त बीएलओ संबंधित कार्यों के बहिष्कार करने की घोषणा के साथ केसरिया करने का प्रण लिया। संघर्ष समिति के जिला स्तरीय धरने में जिले के विभिन्न शिक्षक संगठनों के जिला एवं ब्लॉक पदाधिकारियों ने भाग लेकर आंदोलन को सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।