लोक अदालत में राजीनामा की भावना से निपटाएं प्रकरण
जालोर।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को जिले के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, इस दौरान पक्षकारान की आपसी सहमति से प्रकरणों में राजीनामा किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश हारून के निर्देशन में आयोजित लोक अदालत में एक दिन में हजारों प्रकरणों का निस्तारण किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश विरेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि लोक अदालत को लेकर 9 बैंचों का गठन किया गया। लोक अदालत को लेकर जिले भर के न्यायालयों में पक्षकारों की भीड़ देखी गई। न्यायालयों में सुबह से ही पक्षकारों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था जो दोपहर होते होते भारी भीड़ जमा हो गई। जिला मुख्यालय पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में विभिन्न बैंकों, विद्युत निगम एवं जलदाय विभाग के प्री लिटिगेशन के प्रकरणों के निस्तारण हेतु लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यहां पर बैंकों की ओर से बकाया राशि में छूट देने से लोगों को काफी फायदा हुआ, बकाया राशि रोकड़ जमा करवाने पर बैंकों की ओर से छूट देने पर लोगों ने खूब दुआए भी दी।
-लोगों ने दी खूब दुआएं
लोक अदालत के दौरान लोगों बकाया संबंधी प्रकरणों में बैंकों और विद्युत निगम एवं जलदाय विभाग की ओर से काफी छूट दी गई तो लोगों ने खूब दुआएं दी। जिला मुख्यालय पर प्री लिटिगेशन के प्रकरणों की बैंच में पंजाब नेशनल बैंक की ओर से प्रस्तुत प्री लिटिगेशन एक प्रकरण में अप्रार्थी पर 52 हजार 856 रूपये बकाया थे, जिसका 3 हजार पांच सौ रूपये में निस्तारण कियागया। इसी प्रकार दूसरे प्रकरण में एक व्यक्ति के 78 हजार 527 रूपये बकाया थे जिस पर 3 हजार 500 रूपये में प्रकरण का निस्तारण किया गया। इसी प्रकार विद्युत निगम की ओर से प्रस्तुत एक प्रकरण में अप्रार्थी पर कुल 1 लाख 6 हजार 95 रूपये बकाया था 15 हजार रूपये मंे प्रकरण का समझौता करते हुए निस्तारण किया गया।
–भाई की शादी से पहले दिया लोक अदालत को महत्व
जिला मुख्यालय पर जिला एवं सेशन न्यायालय में लंबित एक एमएसी उकीदेवी बनाम लादूसिंह के प्रकरण में राजीनामा करने के लिए एक महिला उकीदेवी व उसका भाई अपने चचेरे भाई की शादी छोड़कर पहले लोक अदालत में पहुंची, उजी देवी के भाई की शादी में मेड़ाउपरला गांव में जाना था, लेकिन पहले वे न्यायालय में पहुंचे। उकी देवी व उसका भाई अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ कचराराम भी अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सजधजकर पहुंचा। जिला न्यायालय में पहुंचने पर बैंच के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश हारून व सदस्य ने पक्षकारान से समझाइश की तो पक्षकारार राजीनामा के लिए सहमत हुए। इस प्रकार एमएसी का यह प्रकरण निस्तारित किया गया। इस दौरान पक्षकारान के अधिवक्ता महिपालसिंह जैतावत व ओमप्रकाश मौजूद रहे।