डांडियो की खनक के साथ देर रात तक थिरकते रहे युवक-युवतियां


-शहर सहित आसपास के गांवों में परवान पर चढ़ा गरबा महोत्सव

सांचौर। शहर सहित आसपास के गांवो में शाम को वातावरण में भक्तिमय गीतों से गूंज उठते है। वहीं नवरात्रा के शक्ति उपासक आराधना में लीन रहे, वहीं रास-गरबा के लिए लगे पांडालों में मां की आरती के कार्यक्रम हुए। रंग-बिरंगे परिधानों में सजी युवतियां व महिलाएं गुजराती गरबा गीतों पर देर रात तक कदम से कदम मिलाते हुए डांडिया व गरबा नृत्य की प्रस्तुतियां दे रही है। डांडिया कार्यक्रमों में पावागढ़ सूं उतर्या मां काली मां…,सोनल गरबोंं धीमे अम्बे मां…,नवरंग रंग नी चूंदड़ी…,आसमा नै रंग नी..,ढोलीड़ा ढोल धीमों-धीमों वगाडऩा…,पंखिड़ा तू उड़ न जाना पावा गढ़ रे…,नदी किनारे नारियल पेड़…,पावली लेने मै तो…,और जय-जय संतोषी माता, जय-जय मां अम्बे माता जैसे गीतोंं और भजनों की धून पर इन दिनों शहर सहित आस-पास कें गांवो के हर कोने में गरबा-डांडिया की धूम मची हुई है। शहर सहित आसपास के गांवो में नवरात्र पर्व के चलते रात को बाजारों में रौनक बनी हुई है। शहर के दरबार चौक स्थित अम्बे माता मंदिर परिसर में डांडिया नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। रंग-बिरंगी पौषाकों से छोटी-छोटी बालिकाओं द्वारा डांडिया नृत्य किया जा रहा है। गरबा महोत्सव के दौरान गरबों के गीतों व भजनों व बालिकाएं डांडिया नृत्य करती नजर आती है। गरबा महोत्सव के दौरान रामलीला मंचन का आयोजन किया गया तथा गरबा नृत्य करते रंग बिरगी पौशाको से सजे-धजे युवक-युवतियां विभिन्न देवी-देवताओ का स्वांग रचकर गरबा खेल रहें हैं। वहीं छोटी-छोटी बालिकाओं की और से डांडिया नृत्य किया जा रहा है। शक्ति और भक्ति के पर्व शारदीय नवरात्र के दौरान गरबा पांडालों में माता की पूजा-अर्चना के बाद रात को डांडिया खनकने शुरू हो गए। कहीं गरबा पांडालों में देवी-देवताओं की वेशभूषा में तो कहीं पर गुजराती गरबों पर युवक-युवतियों ने नृत्य किया।

सिद्धेश्वर में गुजराती गरबों पर थिरके कदम

सिद्धेश्वर गांव पुरोहित नवयुवक मंडल के द्वारा गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। वहीं गरबा महोत्सव के दौरान विभिन्न कलाकारों के द्वारा प्रस्तुतियां दी जा रही है। गरबा महोत्सव आरती के बाद डांडिया नृत्य किया जा रहा है। इस दौरान नाटक, रामलीला कई प्रकार की झांकिया निकाली जा रही है। कलाकारों की और से किए गए भावपूर्ण भव्य व रोचक अभिनय ने दर्शकों का समा बंाधे रखा। देर रात को सिलसिलेवार चले रहे रामलीला मंचन में कलाकारों की और से किए गए भावपूर्ण भव्य व रोचक अभिनय ने दर्शकों का समा बंाधे रखा। गुजराती गरबा गीतों पर डांडिया के साथ ही विभिन्न धार्मिक वेशभूषा में भी कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी। डांडिया पांडाल में युवा, युवतियां व महिलाएं देर रात तक कदम से कदम मिलाकर डांडिया नृत्य की प्रस्तुतियां दी जा रही है। गरबा महोत्सव को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे है।


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