बारहवीं कक्षा के टॉप 10 विद्यार्थियों को गोवा तक करवाएंगे हवाई सफर


सांचौर। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चौरा में कक्षा बारहवीं में टॉप रहने वाले विद्यार्थियों को भामाशाह की ओर से गोवा तक आने-जाने की हवाई यात्रा करवाई जाएगी। इतना ही नहीं इन प्रतिभाओं के तीन दिन तक गोवा में रहने, खाने पीने व घूमने का खर्च भी भामाशाह की ओर से उठाया जाएगा। यह घोषणा विद्यालय में कक्षा कक्षों के लोकार्पण कार्यक्रम में भामाशाह व समाजसेवी बीरबल एम. बिश्नोई ने की। उन्होंने कहा कि विद्यालय के बोर्ड कक्षाओं के बेहतर परिणाम देने वाले प्रतिभावान छात्रों को गोवा हवाई जाहज से उनके खर्चे से शैक्षणिक भ्रमण करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 12 वीं कक्षा के सबसे ज्यादा नंबर लाने वाले 10 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के साथ एक अभिभावक के रूप में स्कूल स्टाफ को हवाई जहाज द्वारा शैक्षणिक भ्रमण के साथ तीन दिन तक गोवा में रहने, खाने पीने की सारी व्यवस्था भामाशाह परिवार के रूप में उनके परिवार द्वारा की जाएगी।
भामाशाह के रूप में विद्यालय में यह काम करवाएं
भामाशाह बीरबल एम विश्नोई द्वारा सुनामी के समय धराशाई हुई स्कूल देने वाले को पुन: सुचारू रूप से चलाने के लिए 10 अस्थाई टीन शेड बनाने की आवश्यकता थी। इन में से 6 टीनशेड बीरबल एम बिश्नोई ने ही बनाक कक्षाओं का संचालन शुरू करवाया। बच्चों को शुद्ध पानी पीने के लिए स्कूल में करीब 6 लाख की लागत से आरओ प्लांट लगवाया। भामाशाह ने उनके पिता मालाराम की पुण्यतिथि पर विशाल कक्षा भवन बनाकर विद्यालय को सुपुर्द करवाया। इनसे प्रेरित होकर सावताराम लाखाराम परिवार द्वारा उनके सुपुत्र कालूराम एवं लाभूराम द्वारा भी कक्षा भवन बनवाया गया।
अतिथियों ने किया लोकार्पण
चौरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भामाशाह व समाजसेवी बीरबल एम बिश्नाई ने 6 लाख की लागत से आरओ प्लांट व मालाराम विश्नोई की स्मृति में कक्षा कक्ष बनाकर विद्यालय को सुपुर्द किया। कार्यक्रम पूर्व राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया। इस दौरान राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि भामाशाह हमारे समाज की धरोहर है। उन्होंने भामाशाहों व समाजसेवियों से विद्यालय व गांव के विकास में आगे आने की बात कही। भामाशाह बीरबल एम बिश्नोई ने कहा कि प्रवासियों को अपने कमाई का कुछ हिस्सा गांव के विकास के लिए खर्च करना चाहिए। सरपंच सुनिल बिश्नोई ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय एवं ग्राम पंचायतो के पास इतना बजट नहीं होता है कि प्रचुर मात्रा में सरकारी स्तर की योजनाओ से संसाधन उपलब्ध करवा सके। ऐसे में इस प्रकार की उपलब्धता समाजसेवियों व भामाशाहों के मार्फत व उनके सहयोग से ही संभव है। जिला परिषद सदस्य मांगीलाल बिश्नोई ने कहा कि आज के बच्चे कल का भविष्य है।


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