सांचौर। सत्यपूर तीर्थ की धन्य धरा पर श्री तपागच्छ जैन संघ द्वारा आयोजित चातुर्मास पर्वाधिराज पर्युषण महा पर्व के पावन प्रसंग पर श्री तपागच्छ जैन संघ उपाश्रय में बुधवार को परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद विजय राजेन्द्र सुरी म. सा. के शिष्य परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद विजय राजशेखर सुरी म. सा. की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी सूर्य प्रभा म. सा. की शिष्या साध्वी तत्वपुर्णा म. सा. की प्रशिष्या साध्वी तत्वरंजीता साध्वी तत्वनम्रा, साध्वी तत्ववर्मा म. सा. की निश्रा में पर्वाधिराज पर्युषण महा पर्व के दूसरे दिन के ग्यारह संघ की पूजा, साधर्मिक भक्ति, यात्रात्रिक, स्नात्र महोत्सव, देव द्रव्य की वृद्धि के बारे मैं विस्तार से बताया साध्वी म. सा. ने कहा की इस महान पर्व पर जिसके पास पैसा नहीं है वो धर्म नहीं कर सकता यहां बात कभी दिमाग में मत लाना क्योंकि जिसके पास पैसा नहीं है उनके शीलधर्म तपधर्म भावधर्म कर अपने जीवन को सफल बना सकते है। श्री संघ पूजा जिनेश्वर की आज्ञा माने ते संघ पूज्य आचार्य हिरभद्रसुरी म. सा का संबोधन प्रकरणमां में कहते हैं की आज्ञायुक्त संघ ऐसे संघ में साधु साध्वी भगवन्तं श्रावक श्राविका भी आते हैं इन चारों को मिला कर संघ चतुर्विध संघ-चार प्रकार का कहलाता है। कलिकुंण्ड तीर्थोद्धारक आचार्य विजय राजेन्द्र सुरी म. सा. की मासिक तिथि पर प्रद्रक्षणा का कार्यक्रम आयोजित हुआ। महिलाओं ने बड़ चढ़कर हिस्सा लिया। साध्वी म. सा. ने गुरुदेव की महिमा का विस्तार से बताया की जैन जगत के वरिष्ठ सुरी पुरंदरो में राजेन्द्र सुरी म. सा. का नाम करण से जन-जन के मन-मस्तिष्क में दिल दिमाग में असीम श्रद्धा के साथ समर्पण भाव है सूर्यास्त की तरफ जा कर भी सूर्योदय का सत्य-दर्शन कराने वाले ये पुण्यश्लोक महापुरुष थे। दूसरे दिन की प्रभावना शाह पारसमल मिश्रीमल चंदन परिवार की और से की गई। इस शुभ अवसर पर गुरुदेव का गुरुपुजन एवं वासक्षेप पूजा के चढ़ावा के लाभार्थी श्रीमती चुन्नी देवी मानमल संघवी परिवार द्धारा गुरुपुजन एवं वासक्षेप पूजा की गुरुदेव के आरती के चढ़ावा लाभार्थी शाह बच्छराज कलजी चंदन हस्ते पवन कुमार चंदन परिवार द्धारा लिया गया। जय गुरुदेव जय गुरुदेव के जय घोष से उपाश्रय गुंज उठा। दूसरे दिन भगवान श्री तपागच्छ महावीर स्वामीजी की अंग रचना के लाभार्थी शाह पुखराज पीराजी कोटीसा परमार परिवार की तरफ से रचाई गई दर्शन का लाभ लेवे। इस दौरान नगर परिषद सभापति नरेश शेठ, पार्षद दौलतराज अंगारा, पार्षद कपुरचंद संघवी, ट्रस्ट के सदस्य पवन कुमार चंदन, पुखराज कोटीसा, परमार ट्रस्ट के सदस्य पारसमलजी चंदन, जीवराज शेठ पालगोता, रमेश कुमार संघवी, जबरमल संघवी, मोहनलाल श्री श्री श्रीमाल, ओखजी शेठ पालगोता, ताराचंद चंदन, चम्पालाल शेठ पालगोता, अमृतलाल गलुफीया, हस्तीमल संघवी शेठ, नरपतचंद बुरड़, समरथमल गलुफीया, भंवरलाल घोडा, तेजराज मेहता, दिनेशभाई लोलडिया, संजय गोकलाणी, अशोक घोडा, छबील गलुफीया, महेंद्र बुरड़ ,जीगरभाई, हरीश शेठ, जयेश घोडा, अशोक शेठ, श्री तपागच्छ जैन संघ व्यास्थापक संजय सेवक सहित सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं मौजूद।