तंबाकू एक धीमा जहर, महिलाओं में बढ़ रही नशा प्रवृत्ति घातक, श्रेष्ठ प्रतिभागीयों को किया सम्मानित


रानीवाड़ा। नशेबाजी की बुरी आदतों से तंबाकू का व्यसन बहुत बुरी तरह फैल गया है यह दुव्र्यसन इतना सामान्य ओर व्यापक हो गया है कि लोगों के दैनिक जीवन का एक अंग बन बैठा है और इसे मित्रों, मेहमानों तथा अन्य समागतों के प्रति सिगरेट, बीडी आदि के रूप में आदर अभिव्यक्ति का एक अंग मान लिया गया है। इसे समाज के दुर्भाग्य के सिवाय और कुछ नहीं कहा जा सकता। उक्त विचार राजकीय माध्यमिक विद्यालय जालेरा कलां में शिव सांई सेवा समिति रानीवाड़ा एवं जागृत संस्था मुम्बई द्बारा आयोजित नशा मुक्ति विषय पर संगोष्ठी में प्रधानाचार्य केसाराम गोदारा के मुख्य आतिथ्य मे समिति के अध्यक्ष मुकेश कुमार खण्डेलवाल ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि एक दिन था जब लोग अभ्यागतों का स्वागत, दूध, दही, शरबत, मक्खन, मलाई, शहद और इसी प्रकार के स्वादिष्ट तथा जीवन पूर्ण पदार्थ से किया करते थे। किंतु आज आते ही उनके सामने बीडी, सिगरेट, हुक्का, चिलम, तंबाकू गुटखा बढा़ देते है। यह अपने घर आए अभ्यागतों एवं मिलने वाले मित्रों के साथ यह कितना विपर्यय हैं कितना अन्याय है। घर आए समागतों के सामने तंबाकू अथवा उसके किसी स्वरूप को स्वागतार्थ रखना उन्हें विष देने का एक प्रकार है उसके स्वास्थ्य में आग लगाने की एक विधि हैं। खण्डेलवाल ने कहा कि धूम्रपान को आजकल आधुनिक सभ्यता का एक अनिवार्य विषय स्वीकार किया जाने लगा है एवं इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि किसी के घर पहुंचने या मिलने पर यदि आतिथेय मिलतें ही बीड़ी, सिगरेट से स्वागत नहीं करते तो अतिथि बुरा मानते है और मन ही मन सोचते है कि न जाने यह कैसा आदमी हैंए जो एक बीड़ी के लिए भी नहीं पूछता। जबकि बुरा तब मानना चाहिए जब वह मिलन होते ही तंबाकू रुपी विष उनकी ओर बढा़ता है। आज के आधुनिक युग में इसकी जद में महिलाएं भी तेजगति से आ रही है जिसे समय रहते रोकना जरूरी है इसमें घर परिवार की बालिकाओं को विशेष योगदान देने आगे आना होगा। विधालय प्रधानाचार्य केसाराम गौदारा ने कहा की अन्जाने मे आंनद की अनुभूति होने का अहसास होता है वो ही नशीले पदार्थ कहलाते हैं। जिस देश का जीवन स्तर ऊंचा रहता है वो आगे बढ़ता है। नशे के कारण ही देश में गरीबी रेखा से नीचें जीवनयापन करने वाले जीते हैं। गोदारा ने नशे से दूर रहने के तरीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला। संगोष्ठी में बालिकाओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हुए निकिता कुमारी, भलवंती कुमारी, प्रवीण कुमार, कृष्णा कुमारी, हीना कुमारी, गीताकुमारी, सुशीला कुमारी ने नशीले पदार्थों से होने वाली हानि एवं जानलेवा बीमारियों का जिक्र करते हुए उससे बचाव के सुझाव देते हुए शिव सांई सेवा समिति एवं जागृत संस्था मुम्बई द्बारा उपहार में ज्ञानवर्धक पुस्तक एवं नशा मुक्ति पुस्तकें निशुल्क प्राप्त की। इस मौके पर प्रधानाचार्य केसाराम गोदारा, वरिष्ठ अध्यापक मनोहरलाल जीनगर, लाखाराम, रमेश कुमार एवं अध्यापक नरपतलाल, चमनाराम देवासी, गंगाराम सहित विधालय परिवार ने बालिकाओं को प्रोत्साहित करने के लिए शिव सांई सेवा समिति एवं जागृत संस्था मुम्बई का आभार प्रकट किया।


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