रानीवाड़ा को सांचोर मे जोड़ने का विरोध 51वें दिन भी आक्रोश के साथ जारी, तीसरे दिन खण्डेलवाल का आमरण अनशन जारी



रानीवाड़ा। मुख्यमंत्री द्वारा शुक्रवार को तीन जिलों की घोषणा की गई जिसमें भीनमाल जिले की घोषणा नहीं करना क्षेत्र की जनता के साथ घोर अन्याय किया गया है। क्षेत्र की जनता ने मुख्यमंत्री द्वारा शुक्रवार को भीनमाल जिला घोषणा नहीं करने पर कड़ी निंदा की है। आमजन ने सरकार से मांग की है अभी भी वक्त है रानीवाड़ा क्षेत्र को यथावत् जालोर जिले मे यथावत् रखा जाए अन्यथा रानीवाड़ा क्षेत्र में आन्दोलन को तेज किया जायेगा। रानीवाड़ा क्षेत्र की जनता पिछले 17 अगस्त से पंचायत समिति रानीवाड़ा के बाहर, रानीवाड़ा संघर्ष समिति के बैनर तले अनिश्चितकालिन धरना दे रही है एवं 4 अक्टूबर से आमरण अनशन भूख हड़ताल व क्रमिक अनशन कर मांग कर रहीं है कि भीनमाल को जिला बनाकर रानीवाड़ा क्षेत्र को प्रस्तावित भीनमाल जिले में शामिल किया जाए या फिर रानीवाड़ा क्षेत्र को े यथावत जालोर जिले में रखा जाए। अनिश्चितकालिन धरने के 51वें दिन एवं लगातार तीसरे दिन भी लगातार भूख हड़ताल पर बैठे समाज सेवी मुकेश कुमार खण्डेलवाल के नेतृत्व मे धरना प्रदर्शन जारी रखकर आक्रोश व्यक्त किया। इस मौके पर क्रमिक अनशन पर बैठे किसान नेता सोमाराम चौधरी, बालाराम चौधरी कहा कि जब देश आजाद हुआ था उस समय से जालोर जिले की सीमा पाकिस्तान बॉर्डर के सीमा नजदीक थी। उस समय से यह बात आई थी की भीनमाल को जिला मुख्यालय बनाया जाये। पर वर्तमान में सांचोर को बिना मांगे जिला बना देना एवं रानीवाड़ा क्षेत्र को यहाँ के जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि सहित आमजन को विश्वास में लिये बिना सांचोर जिले में जोड़ देना न्याय संगत नहीं है। सांचोर जिला बनाया उसका हमें कोई विरोध नहीं है पर रामलुभाया कमेटी के किसी भी सदस्य ने रानीवाड़ा क्षेत्र के लोगों को जनप्रतिनिधि वर्तमान या पूर्व जनप्रतिनिधियों से राय तक नहीं ली गई ऐसा ही जिले की सीमांकन करते वक्त सरकार द्वारा नियुक्त किसी प्रशासन अधिकारी ने भी रानीवाड़ा आकर किसी से रायशुमारी नहीं की ओर न ही जनसुनवाई के तहत कोई केम्प लगाया। व्यापार मण्डल के अध्यक्ष छैलसिंह सोलंकी ने कहा कि किसी ढाणी गाँव की भी सीमा निर्धारित की जाती है तब क्षेत्रवासियों से रायशुमारी की जाती है एवं सरकार द्वारा आपत्ति के लिए विज्ञापन दिया जाता है मगर रानीवाड़ा क्षेत्र को सांचोर जिला मे आनन फानन मे जोड़ देना क्षेत्र की जनता के साथ घोर अन्याय है। समाज सेवी भवराराम माली ने कहा कि रानीवाड़ा क्षेत्र की जनता सांचोर जिले में रहने के लिए कतई तैयार नहीं है। भीनमाल को जिला बनाकर रानीवाड़ा क्षेत्र को उसमें जोड़ा जाए या फिर रानीवाड़ा क्षेत्र को यथावत् जालोर जिले में ही रखा जाए। इस मौके पर व्यापार संघ के छैलसिंह सोलंकी, ओमप्रकाश माली, सरपंच प्रदीप सिंह देवल, महादेवाराम देवासी, उकसिंह परमार, महेश बोहरा, मनजीराम चौधरी, महेन्द्र माली, सोनाराम चौधरी, भवराराम माली, नाथाराम मोदी, छगनसिह देवल, प्रकाश सेन, लक्ष्मण गोयल, रुप सिंह झाला, अब्दुल खान सिंधी, भीखाराम देवासी, वली मोहब्बत, आजाद खान, मसराराम प्रजापत, भाणाराम त्रिवेदी, जयंतिलाल पुरोहित, हंसराज जीनगर, राव विक्रम सिंह, भीखाराम मेघवाल, नारायण माहेश्वरी, देवाराम मोदी, नगुसिंह देवड़ा, राव शैतान सिंह, बाबूलाल गोयल, भंवरलाल गोयल, गणेश देवासी, सहित सैकड़ों धरनार्थी उपस्थित थे। अनिश्चितकालिन के 51वें दिन धरनार्थियों ने उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर रानीवाड़ा को सांचोर जिले में जोड़ने का विरोध जताते हुए, भीनमाल को जिला बनाकर रानीवाड़ा को इसमें जोड़ने या रानीवाड़ा क्षेत्र को जालोर जिले में यथावत् रखने की मांग की गई।


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