सांचौर में बागी बिगाड़ रहे कांग्रेस-बीजेपी की गणित, मान मनुहार का दौर शुरू


कुल 14 उम्मीदवारों ने 25 नामांकन किए दाखिल, तीन नामांकन हुए खारिज, 9 को नाम वापसी का आखिरी दिन
                       
सांचौर। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए नामांकन प्रक्रिया सोमवार को पूरी होने के बाद अब नामांकन वापसी के लिए बागी प्रत्याशियों को समझाइश और मान मनुहार का दौर शुरू हो गया। पार्टी का टिकट नहीं मिलने से निर्दलीय या अन्य पार्टी का टिकट लेकर नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों से नामांकन वापस लेने के लिए अब मान मनुहार शुरू होगी। इसके चलते ये बागी दोनों ही पार्टियों के वोटों में सेंध लगा सकते हैं। साथ ही उन पर नामांकन वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाएगा। दरअसल नामांकन के आखिरी दिन पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया। इनमें कई प्रत्याशियों ने दो-दो बार भी नामांकन दाखिल किया है। कुल 14 प्रत्याशियों ने 25 नामांकन भरा है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बागी प्रत्याशियों ने भी नामांकन दाखिल कर दिए है। अब पार्टियों की तरफ से डैमेज कंट्रोल किया जा रहा है और नाराज लोगों को समझा कर अपना नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि, अभी दलों की मान-मनुहार का दौर चलेगा और 9 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। यदि बागी नेताओं ने नाम वापस नहीं लिए तो कांग्रेस व भाजपा के नेताओं के चुनावी समीकरण बिगाड़ेंगे।

तीन नामांकन हुए खारिज
सोमवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुल 14 प्रत्याशियों ने 25 नामांकन भरा। वहीं मंगलवार को नामांकनों की जांच की गई। जिसमें तीन नामांकन खारिज हुए। दानाराम चौधरी ने भाजपा, रमेश विश्नोई ने आम आदमी पार्टी से किया था नामांकन दाखिल, जो पार्टी का सिंबल नही मिलने से खारिज हो गए। वहीं निर्दलीय कानाराम का भी नामांकन खारिज हो गया। जिसमें तीन नामांकन खारिज हो गए।  

पीसीसी सदस्य डॉ. शमशेर अली बसपा से लड़ रहे चुनाव
राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई से नाराज चल रहे पीसीसी सदस्य एवं पूर्व प्रधान डॉ. शमशेर अली ने बहुजन समाज पार्टी से टिकट लाकर नामांकन दाखिल किया। जिसके बाद कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया है। वहीं सोमवार को डॉ. शमशेर अली द्वारा नामांकन व सभा का आयोजन कर शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग नामांकन व सभा में शामिल हुए।

जीवाराम चौधरी निर्दलीय लड़ रहे चुनाव
पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी व भाजपा नेता दानाराम चौधरी दोनों बीजेपी से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने सांसद देवजी पटेल को टिकट देकर मैदान में उतारा है, तो पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी ने सांचौर विधानसभा सीट पर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है। तथा भाजपा नेता दानाराम चौधरी ने भी भाजपा से नामांकन दाखिल किया। अब दानाराम चौधरी का पार्टी से सिंबल नही मिलने से खारिज हो गया। पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी पहले भी दो बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके है, लेकिन पहले फिर से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और टिकट की दौड़ में लग गए, इस बार भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो बागी होकर निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है।

9 नवंबर नाम वापसी का आखिरी दिन
कांग्रेस पार्टी के बागी अन्य पार्टी का दामन थाम कर चुनावी मैदान में कूद गए हैं और अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। डॉ. शमशेर अली ने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर सांचौर विधानसभा सीट पर नामांकन दाखिल किया है, तो पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी ने निर्दलीय से अपना नामांकन दाखिल किया है। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए अब नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन 9 नवंबर है। ऐसे में अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि कौन-कौन प्रत्याशी अपना नामांकन वापस लेते हैं, बागी प्रत्याशियों को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा समझाइश दी जा रही है।   


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