सांचौर में दीक्षार्थी का वर्षीदान वरघोड़ा निकला, दीक्षार्थी ने मुक्त हाथों से किया सांसारिक वस्तुओं का दान


-वरघोड़ा का शहर में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर किया स्वागत
सांचौर। सांचौर शहर में मंगलवार को दीक्षार्थी बाबुलाल ताराचंद बुरड के दीक्षा महोत्सव को लेकर जैनाचार्य सहित साधु-साध्वियों के सान्निध्य में गाजे बाजे के साथ विभिन्न मार्गों से वर्षीदान वरघोड़ा निकाला गया। शहर में दो किमी लंबा दीक्षार्थी का वर्षीदान वरघोड़ा निकाला गया। वरघोड़े में सजे-धजे हाथी, घोड़ा, ऊंट और रथ पर सवार दीक्षार्थी बाबुलाल ताराचंद बुरड ने मुक्त हाथों से सांसारिक वस्तुओं का दान किया। वरघोड़ा सवेरे जैन मंदिर होते हुए मेहता हॉस्पिटल, हाड़ेचा रोड़, हाड़ेचा बस स्टेण्ड, चौधरी धर्मशाला, रानीवाड़ा रोड़, विवेकानंद सर्किल, सब्जी मंडी, मुख्य बाजार, दरबार चौक, जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय, उपखंड मुख्यालय, नगर परिषद होते हुए जैन मंदिर पहुंचकर विसर्जित हुआ। वरघोड़े में सजे-धजे हाथी, घोड़ा, ऊंट और रथ पर सवार दीक्षार्थी बाबुलाल ताराचंद बुरड ने मुक्त हाथों से सांसारिक वस्तुओं का दान किया। वरघोड़े के दौरान जहां महिलाएं मंगलगीत गा रही थी, वहीं युवा बैण्ड की मधुर धुनों पर थिरक रहे थे। इस दौरान जिन भगवंतों व दीक्षार्थी के जयकारों से पूरा वातावरण अध्यात्म रंग से सराबोर नजर आया। महोत्सव आयोजक परिवार के सदस्यों समेत सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं जयकारों में तल्लीन नजर आए। वरघोड़े में जैन साधु-साध्वियों समेत जैन समाज के लोग और शहरवासी मौजूद थे। इस दौरान घोड़ी नृत्य, नगाड़ा, बैण्ड पार्टी, वाद्ययंत्र बजाते शाही वेशभूषा पहने कलाकार, सजे-धजे हाथी, घोड़े, ऊंट, बैलगाड़ी व जिनभगवंतों की सुंदर झांकियां लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। दीक्षा महोत्सव के तहत बाबुलाल ताराचंद बुरड बुधवार को जैनाचार्य सहित संतों व साध्वियों के सान्निध्य में वैराग्य का कठिन मार्ग अंगीकार करेंगे। दीक्षा कार्यक्रम मंडप में होगा। सवेरे विभिन्न कार्यक्रम की शुरूआत होगी। जिसके बाद दीक्षा विधि शुरू होगी। दीक्षा कल्याणक होगा तथा भव्य वरघोड़े का आयोजन किया जायेगा। जिसमें हाथी, घोड़ा, बैण्ड-ढोल, नृत्य मंडली आदि विशेष आकर्षक के केन्द्र होंगे।

जैन संतों का नगर प्रवेश
इधर दीक्षार्थी बाबुलाल ताराचंद बुरड के दीक्षा महोत्सव की तैयारी जोरों पर चल रही है। महोत्सव को लेकर पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। वहीं हर घर में खुशी का माहौल है। वहीं जैनाचार्यों का नगर प्रवेश हुआ। इस दौरान वरघोड़ा भी निकाला जाएगा। जिसमें सजे-धजे हाथी, ऊंट व रथ आकर्षण का केंद्र रहेंगे। दीक्षार्थी बाबुलाल के दीक्षा महोत्सव को लेकर जैनाचार्यों व साधु-साध्वियों की निश्रा में दीक्षा मुहूर्त वरघोड़ा कस्बे के विभिन्न मार्गों से निकाला गया।

दीक्षा महोत्सव के तहत हुए कई आयोजन
दीक्षार्थी महोत्सव के तहत कई धार्मिक आयोजन हुए। दीक्षार्थी बाबुलाल ताराचंद बुरड के दीक्षा महोत्सव के तहत आयोजक परिवार की ओर से जैनाचार्य समेत साधु-साध्वियों के सान्निध्य में विविध धार्मिक आयोजन किए गए। दीक्षा महोत्सव के तहत भक्ति संध्या में गायक कलाकारों ने एक से बढक़र एक गीतों की प्रस्तुति दी। इस मौके सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।


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