विरोल बड़ी में अक्षत कलश स्वागत में गुंजायमान हुए जय श्रीराम के जयकारे


सांचौर। भगवान रामलला की नगरी अयोध्या से भारत वर्ष के प्रत्येक सनातनी को 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को एक हर गांव गली चौबारे में मानने एवम बाद में उचित समय जानकर परिवार, कटुम्ब सहित राम लल्ला के दर्शनार्थ आने का निमंत्रण देने हेतु अक्षत निमंत्रण यात्रा के क्रम में विरेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण विरोल बड़ी में यात्रा का स्वागत समारोह आयोजित किया। यात्रा संयोजक देवेन्द्र सिंह विरोल ने बताया की इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के श्रवणदास वैष्णव, बलवंत प्रजापत, पं. दिनेश जोशी एवम दिनेश सुथार अक्षत एवम निमंत्रण लेकर विरोल पहुंचे इस दौरान कलश यात्रा द्वारा इनके स्वागत उपरांत मंदिर परिसर में अक्षत एवम् निमंत्रण पत्रक का ग्राम वासियों द्वारा पूजन किया। बाद में धर्म संगोष्ठी का आयोजन किया एवम जय हिंद विद्या मंदिर की बालिकाओं ने रंगोली बनाकर यात्रा का स्वागत किया। पं. दिनेश जोशी ने 500 वर्षों की संघर्ष यात्रा का वर्णन किया बलवंत प्रजापत ने ग्राम वासियों से आह्वान किया की 14 जनवरी से मंदिरों को स्वच्छ करने का अभियान चलाए एवम हर घर में अक्षत एवम् निमंत्रण पत्रक पहुंचाए, श्रवण दास वैष्णव ने 22 जनवरी को दिन को दीपावली की भांति मानने का आह्वान किया। पूर्व सरपंच चंदन सिंह विरोल ने बताया की हमें भगवान श्रीरामजी के जीवन मूल्यों का अनुसरण करना चाहिए। श्री राम जी के जीवन से व्यक्ति को मातापिता, भाई, पत्नी, मित्र, चाहने वाले, निंदक सभी के प्रति क्या कर्तव्य होते है ये सीखने को मिलता हैं। मुख्य वक्ता डुंगरा राम जी पुरोहित ने श्री राम जी के जीवन की कई घटनाओं का वर्णन करते हुए खेती-किसानी, राजनीति, गौसेवा सहित विद्यार्थियों जीवन से संबंधित प्रेरणाई उद्बोधन दिया। हर साल आयोजित रामनवमी यात्रा के संयोजक भरतकुमार का अतिथियों द्वारा बहुमान किया गया।इस दौरान जुंजार सिंह, लक्ष्मणगिरी, नागजी बग, महादेव सिंह राठौड़, वालाराम मेघवाल, जेसाराम नाई, बेचराराम देवासी, मोहनलाल सोनार, रमेश भील, प्रवीण सिंह, इंद्रसिंह, सतीश गर्ग सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। मंच संचालन शंकर लाल माली ने किया।


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