अब तक हाशिए पर रहे देश के कारीगरों और शिल्पकारों को मिलेगा पीएम विश्वकर्मा योजना से संबल- देवल



रानीवाड़ा। रानीवाड़ा विधायक नारायणसिंह देवल ने शुक्रवार को श्रीया देवी मंदिर रानीवाड़ा में आयोजित लोहार समाज के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि पाषाण काल से आधुनिक काल तक के विकास में लोहार समाज का विशेष योगदान रहा है। पत्थर के औजार से लेकर लोहे के औजार, हथियार, कृषि उपकरण, देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने वाले लोहार समुदाय सृजन का प्रतीक है। शायद बहुत कम लोगों को पता होगा कि कश्मीर के लोहारकोट्टा में राजा संग्राम राज ने संवत 1003 में लोहार राजवंश की स्थापना की थी। अंतिम शासक जयसिंह हुए थे। आजादी की लडाई में क्रांतिकारियों को हथियार मुहैया कराने में लोहार समाज का विशेष योगदान रहा है। शौर्य, स्वाभिमान, देशभक्ति के महानायक मेवाड मुकुट महाराणा प्रताप की सेना में और सेना के लिए हथियार बनाने में भी लोहार समाज का विशेष योगदान रहा है। वीर, स्वाभिमानी लोहार समाज शिक्षा की कमी के कारण आज पीछे है लेकिन देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लोहार समाज के चहुंमुखी विकास के लिए और देश के कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए भाजपानीत एनडीए सरकार ने 17 सितम्बर को “पीएम विश्वकर्मा” योजना लागू करके लोहार, बढ़ई, सुथार, सुनार, नाई, धोबी, दर्जी, बुनकर, चर्मकार, कारीगर, राजमिस्त्री सहित करीब 18 तरह के काम करने वाले कारीगरों को 3 लाख रूपये तक का ऋण, निःशुल्क प्रशिक्षण, प्रशिक्षण के दौरान 500 रूपये रोजाना के हिसाब से भत्ता, निःशुल्क औजार भी दिए जाएंगे। निश्चित रूप से इस योजना से देश के लाखों कारीगरों को लाभ होगा। घूमन्तु श्रेणी के गाडलिया लोहार परिवारों को स्थाई रूप से बसाने एवं उनके लिए खुद का घर बनाने के लिए 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भैंरोसिंह शेखावत ने महाराणा प्रताप मकान निर्माण योजना शुरू की थी, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्र में 150 वर्ग गज एवं शहरी क्षेत्र में 50 वर्ग गज तक की भूमि गाडलिया लोहार परिवारों को निःशुल्क दी जाती थी और मकान निर्माण हेतु 17500 रूपये की आर्थिक सहायता भी दी जाती थी, जो अब बढ़कर करीब 45000 हो चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना से भी इन परिवारों को आवास सुविधा मिली है। मैंने भी पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में अनेक परिवारों को पट्टे दिलवाए थे। कुछ वंचित रह गए उनको भी दिलवाने के प्रयास करूंगा। इस दौरान परगना पट्टी अध्यक्ष रामाराम लोहार, खेताराम लोहार, मंशाराम जोडवाडा, नानजीराम लोहार, जवाहर बडगांव, उत्तम लोहार, प्रभू लोहार तावीदर, नारायण लोहार, कांतिलाल कोरा, प्रभूराम लोहार टीटोप सहित सैकडों की संख्या में समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।


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