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जालोर। जिला मुख्यालय के उपखण्ड जालोर के बीएलओ शिक्षकों के बीएलओ कार्यक्रम बहिष्कार का सांकेतिक धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में सौ से अधिक शिक्षकों ने बीएलओ कार्य के पूर्णत: बहिष्कार करते उपखण्ड सहित सम्पूर्ण जिले में चुरु, टोंक, कोटा जिले कि तर्ज पर शिक्षकों को बीएलओ जैसी बेगार प्रथा से मुक्त करने का आह्वान किया। इस अवसर पर शिक्षक संघ शेखावतद्ध के जिलाध्यक्ष दलपत सिंह आर्य ने बताया कि श्शिक्षक का मूल कार्य शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र की नवीन पीढ़ी का निर्माण करना है, लेकिन शिक्षकों पर बीएलओ सहित अन्य 32 प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों को थोपा जा रहा है जिससे शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है। उक्त कार्यों से मुक्त रखने का प्रावधान आरटीई एक्ट की धारा 27 में भी स्पष्टत: वर्णित है, इसके बावजूद जिले आला अधिकारी उक्त कार्यों हेतु शिक्षकों पर अनावश्यक दबाव बना रहे है, जिसका समाधान का एकमात्र मार्ग संघर्ष ही है। इसी कड़ी राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवदत्त आर्य ने बताया की बीएलओ जैसी बेगार प्रथा से मुक्ति का एक मात्र मार्ग केवल संघर्ष एवं व्यापक स्तर पर बीएलओ कार्य बहिष्कार का ही है। संघर्ष की सफलता तभी निश्चित है जब सभी संगठन एक जाजम पर इक_े होकर एकजुट होकर संघर्ष करें ताकी आने वाले समय में शिक्षा को बचाया जा सके। इसी प्रकार जालोर जिले के समस्त बीएलओ शिक्षक जो दूर-दूर स्थित गांव-ढाणियों में पदस्थापित है ने अपनी जायज और वाजिब मांग के लिए संघर्ष समिति के आह्वान पर आंदोलन में भाग लिया और संघर्ष समिति द्वारा आयोजित आंदोलन रुपी यज्ञ में आहूत होने को हर समय तैयार है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय जालोर के जिलाध्यक्ष शैतान सिंह ने बताया की श्शिक्षक समाज अब जाग चुका है, वे अपने अधिकारों की रक्षा हेतु हर स्तर की लड़ाई लडऩे को तैयार है। जब-जब संघर्ष समिति का आह्वान करेगी संगठन पूर्ण मनोयोग से उनके साथ है। हमें हमारी जायज और वाजिब मांगो को मनवाने के लिये एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा। शिक्षक का कार्य शिक्षा प्रदान करना ही है। धरने के दौरान धरना स्थल पर प्रशासन एवं उनके प्रतिनिधियों द्वारा आंदोलन रत शिक्षकों के मध्य अनेक दौर की बातचीत हुई। प्रथम दौर की वार्ता में उपखंड अधिकारी जालोर के साथ धरना स्थल पर वार्ता हुई जो विफल हुई। द्वितीय दौर में आंदोलन रत शिक्षकों को समझाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी जालोर द्वारा आंदोलन समाप्ति हेतु प्रस्ताव दिया गया जो भी विफल रहा तथा जाजम पर उपस्थित आंदोलन रत शिक्षकों ने मांगे नहीं माने जाने तक धरना जारी रखने का आह्वान किया। तृतीय चरण की वार्ता में उपखण्ड अधिकारी जालोर द्वारा पुन: वार्ता की गयी, जिसमें विशेष आवश्यकता वाले बीएलओ की ड्युटी बदलने का प्रस्ताव दिया जिसे आंदोलन रत शिक्षकों ने एकमत से नकार दिया और तब तक आंदोलन रत रहने का संकल्प दोहराया जब तक की शिक्षकों को इस बेगार प्रथा से पूर्णत: मुक्त ना कर दिया जाये। धरना स्थल पर ही उपखण्ड स्तर पर 16 सदस्य कोर कमेटी का गठन किया गया। आंदोलन में लियाकत खां, रमेश राव, जसपाल सिंह, ललित ठाकुर, जितेन्द्र धांधु, दीपक त्रिवेदी, पारसाराम चौधरी, कृष्ण तिवारी, अमराराम चौधरी, हंसाराम चौधरी, बरकत खान, कन्हैया लाल भाण्ड, डुंगर सिंह दहिया, कपिल मुदगल, ललित किशोर शर्मा, ललित कुमार, पुनम सिंह, किसना राम बिश्नोई, जसवन्त कुमार, राजेश बालोत, चन्दन सिंह, गंगा सिंह, भोपाल सिंह सहित सौ अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। आंदोलन में राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय, राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील, राजस्थान शिक्षक संघ अम्बेडकर, राजस्थान पुस्तकालय संघ, राजस्थान शा. शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों द्वारा पूर्णत: प्रत्यक्ष सहयोग देने का विश्वावास दिलाया गया। आंदोलन रत शिक्षकों द्वारा जोरदार नारे.बाजी करते हुए अपनी जायज व वाजिब मांगो को नहीं माने जाने तक बीएलओ कार्य के पूर्ण बहिष्कार करते हुए आंदोलन रत रहने का प्रण लिया।