जालोर। विधानसभा आम चुनाव-2023 के दौरान जिला प्रशासन की जिले में पेड न्यूज और विज्ञापनों पर विशेष नजर रहेगी। स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पेड न्यूज, फेक न्यूज तथा राजनीतिक विज्ञापन अधिप्रमाणन को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं। इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया, के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री पर भी निगरानी रखी जा रही है। किसी भी प्रकार की फेक न्यूज अथवा एमसीसी का उल्लंघन करने वाली पोस्ट किए जाने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
पेड न्यूज के खर्चे को अभ्यर्थी के खाते में जोड़ा जाएगा
उप जिला निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि पेड न्यूज पर निगरानी के लिए डीओआईटी सभागार में एमसीएमसी प्रकोष्ठ संचालित किया जा रहा है जिसमें पेड न्यूज की निगरानी व विज्ञापनों के अधिप्रमाणन संबंधी कार्य किए जा रहे हैं । उन्होंने बताया कि संदेहास्पद ‘पेड न्यूज‘ की जानकारी मिलने पर, शिकायत के आधार पर एवं स्वप्रेरणा से संज्ञान लिया जाएगा। प्रकरण मिलने पर जिला स्तरीय एमसीएमसी के निर्देश पर विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा 96 घंटों के अंदर संबंधित प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस प्राप्ति के समय से 48 घंटों के अन्दर अभ्यर्थी को उस नोटिस का जवाब देना होगा। रिटर्निंग अधिकारी प्राप्त जवाब को जिला स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन व मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) के पास भेजेगा, जिस पर जिला स्तरीय एमसीएमसी जवाब प्राप्त होने के 48 घंटों के अंदर अपना निर्णय देगी। रिटर्निंग अधिकारी उस निर्णय से अभ्यर्थी को सूचित करेंगे और कन्फर्म पेड न्यूज का खर्च अभ्यर्थी के खर्चे में जोड़ा जाएगा।
48 घन्टों के अन्दर कर सकते हैं अपील
उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्णय के विरुद्ध अभ्यर्थी निर्णय की प्राप्ति के 48 घण्टों के अंदर राज्य स्तरीय मीडिया सर्टिफिकेशन व मॉनिटरिंग कमेटी के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकेंगे। पेड न्यूज के केस में अभ्यर्थी राज्य स्तरीय एमसीएमसी के फैसले के खिलाफ भारत निर्वाचन आयोग में अपील कर सकते हैं। वहीं अधिप्रमाणन के केस में सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही याचिका दायर की जा सकती है। यदि अभ्यर्थी ने अपने जवाब में पेड न्यूज होना मान लिया है तो पेड न्यूज की लागत डीआईपीआर, डीएवीपी के आधार पर ज्ञात कर अभ्यर्थी के खाते में जोड़ दी जाएगी।
राजनीतिक विज्ञापन के लिए अधिप्रमाणन कराना आवश्यक
उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बिना अधिप्रमाणन विज्ञापन नहीं प्रसारित किए जा सकेंगे। ई-पेपर में प्रकाशित विज्ञापनों, बल्क एसएमएस, मोबाइल वैन पर प्रसारित होने वाली सामग्री का भी अधिप्रमाणन आवश्यक होगा। मतदान दिवस तथा मतदान दिवस के पूर्व दिवस को प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों का भी अधिप्रमाणन जरूरी होगा। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दल, पंजीकृत राष्ट्रीय राजनीतिक दल व प्रत्याशी को विज्ञापन प्रसारण की प्रस्तावित तिथि से तीन दिन पहले आवेदन करना होगा। वहीं, अन्य गैर पंजीकृत दलों को विज्ञापन के सात दिवस पहले आवेदन करना होगा।