1 नवंबर से छोड़ा जाएगा नर्मदा नहर की वितरिकाओं में पानी
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सांचौर। जल वितरण समिति की बैठक संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी की अध्यक्षता में बुधवार को जिला मुख्यालय पर संपन्न हुई। इस अवसर पर संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी ने नर्मदा परियोजना से जुड़े विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों को नॉम्र्स के अनुसार सिंचित क्षेत्र एवं टेल तक पानी पहुंचाने का कार्य करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि क्षेत्र में आगामी 1 नवंबर से नहरी सिस्टम को सुचारू रूप से शुरू करते हुए नहरों एवं वितरिकाओं के माध्यम से किसानों को कृषि के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रत्येक 15 दिन में नर्मदा नहर परियोजना से जुड़े कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला कलेक्टर पूजा पार्थ, जिला पुलिस अधीक्षक सागर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर चंद्रशेखर भंडारी, उपखंड अधिकारी सांचौर बद्रीनारायण विश्नोई, उपखंड अधिकारी चितलवाना हनुमाना राम, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग अमरसिंह, अधीक्षण अभियंता नर्मदा नहर परियोजना श्रीफल मीणा, नर्मदा नहर परियोजना अध्यक्ष राव मोहनसिंह चितलवाना सहित वीसी के माध्यम से अधिकारी कार्मिक उपस्थित रहे।
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नर्मदा नहर परियोजना की विभिन्न समस्याओं का समाधान करवाने की मांग
नर्मदा नहर किसान डिग्गी होल्डर यूनीयन ने नर्मदा नहर परियोजना की विभिन्न समस्याओं का समाधान करवाने की मांग को लेकर संभागीय आयुक्त को सौंपा ज्ञापन। ज्ञापन में बताया कि नर्मदा नहर 2008 में शुरू होकर 2023 तक 15 वर्ष पूरे हो चुके है। परन्तु इस परियोजना पर लगभग 3500 करोड़ रूपये खर्च हो चुके है परन्तु अभी तक टेल के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है कारण यह है कि सिंचाई के लिए डिग्गी सिस्टम बनाया गया है परन्तु 10 प्रतिशत भी डिग्गीयों से सिंचाई नही हो रही। यह सब नर्मदा नहर परियोजना के प्रशासन की दिलाई एवं लापरवाही से संभव नहीं हो पा रहा है। कहा यह जा रहा है कि यह परियोजना जनसहभागिता से चलायमान है परन्तु डिग्गी अध्यक्षों वितरिका अध्यक्षों एवं चेयरमैन को बजट से संबंधित कोई अधिकार नहीं है। परियोजना अधिकारी एवं ठेकेदार मिलकर बजट बंदर बांट कर लेते है। मरम्मत कार्य सफाई कार्य एवं रेत निकालने के लिए एस्टीमेंट की कॉपी मांगने पर भी संबंधित जनप्रतिनिधियों को नहीं दी जाती है कई बार तो बिना काम करवाये ही स्वीकृत राशि का बिल बनाकर भुगतान उठा लिया जाता है उदाहरण के लिए पनोरिया वितरिका पर बिना मरम्मत एवं रेत निकाले लाखों रूपये का गोल माल कर दिया जिसकी जांच जयपुर से गठित सचिव स्तर की कमेटी कर रही है। दूसरी ओर मुख्य नहर की सफाई का टेण्डर 4 करोड़ का चौधरी कन्सट्रक्शन कम्पनी आकोली को 23 प्रतिशत में दिया जो जांच का विषय है जिसके जिम्मेदार चीफ इन्जीनियर अमरसिंह है इसकी जांच आप अपने स्तर से निष्पक्ष अधिकारियों से करवाये तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। ज्ञापन में बताया कि नर्मदा नहर परियोजना में हो रहे भष्ट्राचार की जांच कर दोषी अधिकारियों को दण्डित करावें। चैयरमेन, वितरिका अध्यक्षों एवं डिग्गी अध्यक्षो को बजट पर एवं मानीटरिंग करने का अधिकार दिरावें जिससे परियोजना को सफल बनाया जा सकें। डिग्गी सिस्टम शुरू कर टेल तक पानी पहुंचाया जाय। वितरिकाओं में बाराबंदी बंद कर सभी वितरिकाओं को साथ में चलाया जावें, वितरिकाओं एवं सब वितरिकाओं की सफाई एवं रेत निकालने का कार्य शीघ्र किया जाय जिससे किसानों को रबी सीजन में पानी समय पर मिल सके। मुख्य नहर, वितरिकाओं एवं सब वितरिकाओं की अवाप्त जमीन राजस्व रिकार्ड में दर्ज की जाय। जल जीवन मिशन द्वारा तोड़ी गयी पाइप लाईनों की ठीक करवाई जाय, को किसान डिग्गी यूनीयन के बीच हुए लिखित समझोते की पालना की जाय, पानी चोरी रोकने के लिए विशेष पुलिस जाब्ता की व्यवस्था की जाय, 1 नवम्बर 2023 से सभी वितरिकाओं में टेल तक पानी पहुंचाना, लिफ्ट नहरों को बाराबंदी से मुक्त रखा जायें।
किसानों ने आंदोलन की दी चेतावनी
नर्मदा नहर किसान डिग्गी होल्डर यूनीयन के नेतृत्व में किसानों ने नर्मदा नहर परियोजना की विभिन्न समस्याओंं को लेकर संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि नर्मदा नहर की समस्याओं का समाधान समय रहते नहीं हुआ तो यूनीयन को आन्दोलन करना पड़ेगा। जिसकी समस्त जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। इस दौरान रेवतसिंह चौहान महासचिव नहर डिग्गी होल्डर यूनीयन, पिरुसिंह, धीमाराम खिलेरी अध्यक्ष भारतीय किसान टिकेत चितलवाना मकाराम चौधरी अध्यक्ष, ईशराराम विश्नोई अध्यक्ष नर्मदा नहर किसान डिग्गी होल्डर यूनीयन, डिग्री अध्यक्ष ईशराराम, मकाराम चौधरी, विरदसिंह, धीनाराम खिलेरी, राणाराम चौरा, केसरसिंह सरवाना, भगवानसिंह, महावीरसिंह, बाबुलाल धायल, रघुनाथ गोदारा, जयकिशन, केसरीमल गोदारा सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।