चातुर्मास पर्युषण महापर्व का हुआ शुभारंभ, प्रतिमाओं की सजाई अंगरचना
सांचौर। सत्यपूर तीर्थ की धन्य धरा पर श्री तपागच्छ जैन संघ द्वारा आयोजित चातुर्मास पर्युषण महापर्व के पावन प्रसंग पर श्री तपागच्छ जैन संघ उपाश्रय में मंगलवार को परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद विजय राजेन्द्र सुरी म. सा. के शिष्य परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद विजय राजशेखर सुरी मा. सा. की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी सूर्य प्रभा मा. सा. की शिष्या साध्वी तत्वपुर्णा म. सा. की प्रशिष्या साध्वी तत्वरंजीता साध्वी तत्वनम्रा, साध्वी तत्ववर्मा म. सा. की निश्रा में पर्युषण महा पर्व के पहले दिन के पांच कर्तव्य अमारि प्रवर्तन, साधर्मिक वात्सल्य, क्षमापन, अठृमतप, चैत्य परिपाटी, को विस्तार से बताया। साध्वी म. सा. ने बताया की इस महान पर्व दौरान संपूर्ण अहिंसक जीवों का लक्ष्य पूर्वक ज्यादा से ज्यादा अहिंसा का पालन अपने जीवन में एवं औरों को भी प्रेरित करने का संकल्प लेना चाहिए। साधर्मिक भक्ति करने का भाव मन में जरुर रखना क्योंकि भक्ति लेने वाला भक्ति लेकर उपकार कर रहा है भक्ति करने वाला कभी उपकारी नहीं कहलाता है। पर्युषण के दिन क्रीम के समान होते है, इस दिन सुबह पुजा सेवाकर अपने जीवन को कल्याणकारी बनाएं जियो और जीने दो प्रभु महावीर का संदेश हर गली गांव तक पहुंचा कर सभी को अहिंसक बनाने का प्रयास की कड़ी में जुड़ कर अपने को महान बनाए। पहले दिन की प्रभावना शेठ हरखचंद सरदारमल बुरड़ परिवार की और से की गई। इस अवसर पर सभापति द्वारा पहले दिन की क्षमायाचना कर श्री संघ से आशीर्वाद प्राप्त किया। पहले दिन भगवान तपागच्छ महावीर स्वामीजी की अंग रचना के लाभार्थी शाह स्व. कनकराज सरेमल बुरड हस्ते सोहनराज की तरफ से रचाई गई दर्शन का लाभ लेवे। इस दौरान नगर परिषद सभापति नरेश सेठ, पार्षद दौलतराज अंगारा, पार्षद कपुरचंद संघवी, ट्रस्ट के सदस्य पवन कुमार, चंदन पुखराज कोटीसा, परमार ट्रस्ट के सदस्य पारसमल चंदन, जीवराज शेठ पालगोता, जबरमल संघवी, मोहनलाल श्री श्री श्रीमाल, ओखराज शेठ पालगोता, ताराचंद चंदन, चम्पालाल शेठ पालगोता, भंवरलाल घोडा, दिनेशभाई लोलडिया, संजय गोकलाणी, छबील गलुफीया, महेंद्र बुरड़, हरीश शेठ, जयेश घोडा, सतीश मेहता, अशोक शेठ, संजय सेवक सहित सैकड़ों श्रावक श्राविकाओं मौजूद।