-डांडिया की धूम से देर रात तक रौनक
अमृत सोलंकी सांचौर
सांचौर। शारदीय नवरात्र के तहत क्षेत्र भर में डांडिया व गरबा नृत्य की धूम मची हुई है। रंग-बिरंगे परिधानों में सजी युवतियां व महिलाएं गुजराती गरबा गीतों पर देर रात तक कदम से कदम मिलाते हुए डांडिया व गरबा नृत्य की प्रस्तुतियां दे रही है। डांडिया कार्यक्रमों में पावागढ़ सूं उतर्या मां काली मां…,सोनल गरबोंं धीमे अम्बे मां…,नवरंग रंग नी चूंदड़ी…,आसमा नै रंग नी.., ढोलीड़ा ढोल धीमों-धीमों वगाड़ना…,पंखिड़ा तू उड़ न जाना पावा गढ़ रे…,नदी किनारे नारियल पेड़…,पावली लेने मै तो…,और जय-जय संतोषी माता, जय-जय मां अम्बे माता जैसे गीतोंं और भजनों की धून पर इन दिनों शहर सहित आस-पास कें गांवो के हर कोनें में गरबा-डांडिया की धूम मची हुई है। शहर सहित आसपास के गांवो में नवरात्र पर्व के चलते रात को बाजारों में रौनक बनी हुई है। शहर के दरबार चौक स्थित अम्बे माता मंदिर परिसर में डांडिया नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। रंग-बिरंगी पौषाकों से छोटी-छोटी बालिकाओं द्वारा डांडिया नृत्य किया जा रहा है। गरबा महोत्सव के दौरान गरबों के गीतों व भजनों व बालिकाएं डांडिया नृत्य करती नजर आती है। गरबा महोत्सव के दौरान रामलीला मंचन का आयोजन किया गया तथा गरबा नृत्य करते रंग बिरगी पौशाको से सजे-धजे युवक-युवतियां विभिन्न देवी-देवताओ का स्वांग रचकर गरबा खेल रहें हैं। वहीं छोटी-छोटी बालिकाओं की और से डांडिया नृत्य किया जा रहा है। शक्ति और भक्ति के पर्व शारदीय नवरात्र के दौरान गरबा पांडालों में माता की पूजा-अर्चना के बाद रात को डांडिया खनकने शुरू हो गए। कहीं गरबा पांडालों में देवी-देवताओं की वेशभूषा में तो कहीं पर गुजराती गरबों पर युवक-युवतियों ने नृत्य किया।
–महाकाली की झांकी देखने उमड़ी भीड़
नगर के अम्बे माता मंदिर परिसर गरबा महोत्सव के दौरान महाकाली व भेरू के स्वांग ने दर्शकों को मोहित कर दिया तथा महाकाली व भेरू के स्वांग को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। महाकाली का विकराल रूप प्रकट हुआ, दर्शन और झलक पाने के लिए सभी श्रद्धालु एक साथ खड़े हो गए, रौद्र रूप धरे हाथों में तलवार के साथ गरबियों पर थिरक रही माता की झलक पाने के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ा रहा।
–सिद्धेश्वर में गरबा नृत्य की रही रौनक
निकटवर्ती सिद्धेश्वर गांव में चल रहें नवरात्री महोत्सव में गरबा नृत्य की रौनक नजर आने लगी हैं वहीं शाम होते ही गांव की सडको पर सज-धज कर बच्चों से लेकर युवक-युवतियों की मंदिर परिचर की ओर आवाजाही शुरु हो जाती हैं। मां दुर्गा की पुजा अर्चना के साथ ही गरबा नृत्य का दौर प्रारंभ हो जाता हैं। गांव में गरबा गीतों की धुन सुनाई देना शुरु हो जाती हैं। जिससें बडी संख्या में लोगो का हुजूम उमड रहा हैं। वहीं महाकाली व भेरू के स्वांग ने दर्शकों को मोहित कर दिया तथा महाकाली व भेरू की झांकी को देखने के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी पड़ी।